पिछलें 4 वर्षों में रियल एस्टेट में तेज़ी से विकास देखा गया है। जिस तरह प्रॉपर्टी की माँग में इज़ाफ़ा हुआ है, शायद ही किसी और सेक्टर में कोविड के बाद इतना उछाल देखने को मिला है। मोतिया ग्रुप के डायरेक्टर, एलसी मित्तल बताते है कि, “रियल एस्टेट में सिर्फ़ एंड यूज़र नहीं बल्कि निवेशक भी काफ़ी रुचि दिखा रहे है। पिछलें 4 सालों में जितना रिटर्न प्रॉपर्टी में निवेश ने दिया है उतना किसी और निवेश ने नहीं दिया”।
मेट्रो और मिनी मेट्रो शहरों में लक्ज़री घरों की माँग में बढ़ोतरी हुई है वहीं चंडीगढ़ ट्राईसिटी जैसे टियर 2 शहरों में प्लोटेड प्रोजैक्ट्स की माँग काफ़ी ज़्यादा है। एलसी मित्तल बताते है की, “मौजूदा ट्रेंड्स को देखें तो रेजिडेंशियल और इंडस्ट्रियल प्लॉट्स की इस वक़्त ट्राईसिटी में सबसे ज़्यादा माँग है और इसका कारण है तेज़ी से क़ीमतों में बढ़ोतरी। ट्राईसिटी की अन्य शहरों से बहुत अच्छी कनेक्टिविटी है जो इसे रेजिडेंशियल के साथ इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट के लिए भी सबसे बेहतर लोकेशन बनाता है। आने वाले वित्त वर्ष 2024-25 में प्लॉट्स निवेशकों की पहली पसंद रहेंगे”।
बाज़ार को देखे तो इस बात में कोई संदेह नहीं कि रियल एस्टेट में अच्छी माँग के चलते क़ीमतों में इज़ाफ़ा देखने को मिला है, जिसका सीधा लाभ निवेशकों को बेहतर रिटर्न के रूप में मिल रहा है।