हाफले इंडिया ऐसटेक 2024 दिल्ली में दिखाएगा ‘स्थान का अधिकतम उपयोग, एक साथ’
दिल्ली, 06 दिसंबर: हाफले इंडिया ऐसटेक 2024 में महत्वपूर्ण प्रभाव डालने के लिए तैयार है, जो हर दिन के स्थानों […]
दिल्ली, 06 दिसंबर: हाफले इंडिया ऐसटेक 2024 में महत्वपूर्ण प्रभाव डालने के लिए तैयार है, जो हर दिन के स्थानों […]
नई दिल्ली, सितम्बर 20: भारत में छात्र आत्महत्या के मामले लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं। जितने भारत में टॉपर्स निकल रहे हैं, उससे 10 गुना ज्यादा बच्चे आत्महत्या कर रहे हैं। सिर्फ 10वीं-12वीं या कॉलेज के बच्चों के ही नहीं, बल्कि इससे भी ज्यादा कक्षा 4 से लेकर कक्षा 9 तक के बच्चे आत्महत्या कर रहे हैं। इसका जिम्मेदार कौन है? माता-पिता, स्कूल या खुद बच्चे? इसी विषय पर हमारी बातचीत BIYZEN Youth Services के डायरेक्टर श्री अमनदीप से हुई।अमनदीप ने इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से समझाया।उन्होंने बताया कि भारत आधुनिकता की ओर तेजी से बढ़ रहा है, और इस बदलाव के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रकार के प्रभाव देखने को मिल रहे हैं। हर इंसान को तनाव का सामना करना पड़ता है, चाहे वह 8 साल का बच्चा हो या 60 साल का वयस्क। पिछले दो दशकों में मानसिक सहनशीलता की कमी के कारण कई बदलाव हुए हैं, जिससे तनाव और आत्महत्या के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली है। BIYZEN Youth Services हजारों बच्चों को आत्महत्या से बचा चुका है और उन्हें अपनी सेवाएं प्रदान कर चुका है। उनकी Stress Reliever Shield बच्चों को तनाव और आत्महत्या से बचाती है, जिससे बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ता है और जीवन के मूल्यों को समझना आसान हो जाता है। अमनदीप ने बताया कि जब वह किसी माता-पिता से बात करते हैं, तो सभी यही कहते हैं कि “हमारे बच्चों को किसी प्रकार का तनाव नहीं है।” लेकिन जब उन्हें यह बताया जाता है कि जिन बच्चों ने आत्महत्या की, उनके माता पिता का भी यही जवाब था, तब उन्हें समझ आता है कि किसी की मानसिक स्थिति को बिना काउंसलिंग के समझा नहीं जा सकता, क्योंकि तनाव बताकर नहीं आता। स्कूलों में इस सेवा को देने पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं मिलती हैं। अमनदीप ने बताया कि जब वह स्कूलों में जाकर अपनी सेवाएं बच्चों को देने की कोशिश करते हैं, तो कुछ स्कूल इसे मुफ्त में भी बच्चों तक नहीं पहुँचने देते। दुःख की बात तो यह है कि जिन स्कूलों के बच्चे आत्महत्या कर चुके होते हैं, वे भी माता-पिता को दोषी ठहराकर बच्चों तक यह सेवा नहीं पहुँचने देते। कुछ स्कूल इस सेवा का शुल्क बहुत अधिक बताकर मना कर देते हैं, तो कुछ यह कहकर मना करते हैं कि “हमारे बच्चों को इसकी जरूरत नहीं है, बाद में आना।” […]
ग़ाज़ियाबाद, 20 जुलाई 2024: BSE-सूचीबद्ध कंपनी तिरुपति टायर्स लिमिटेड (BSE कोड: 539040) के शेयरों में तेजी आने की उम्मीद है। […]
सौभाग्य आर स्वैन सौभाग्य आर स्वैन, लंदन के एक प्रसिद्ध धारावाहिक उद्यमी और भारतीय मूल के उद्योगपति, का जन्म 5 […]
but it is too much for my strength — I sink under the weight of the splendour of these visions! […]
I am alone, and feel the charm of existence in this spot, which was created for the bliss of souls […]