कृष्णा आयुर्वेदा का क्लिनिकली प्रमाणित डायबिक केयर जूस, 12 हफ्तों में 40% तक शुगर कम

⁠एलोपैथिक दवा नहीं लेने वाले डायबिटीज के मरीजों पर अध्ययन

जोधपुर, अप्रैल 8: कृष्णा आयुर्वेदा का डायबिक केयर जूस ब्लड शुगर नियंत्रण में क्लिनिकली प्रभावी सिद्ध हुआ है। कंपनी का दावा है कि एलोपैथिक दवा नहीं लेने वाले टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों में इसके सेवन से 12 हफ्तों में ब्लड शुगर के स्तर में 40 फीसदी तक की कमी आई है। कंपनी ने यह दावा इन मरीजों पर किए गए लगातार अध्ययन के बाद जारी रिपोर्ट के आधार पर किया है।

यह अध्ययन गुरुग्राम स्थित ऑरिगा रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड की ओर से आईसीएच, जीडीपी, आईसीएमआर सहित ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 और न्यू ड्रग्स एंड क्लिनिकल ट्रायल्स रूल्स, 2019 के तहत किया है। मरीजों को नई दिल्ली के पालम स्थित रुमेडिक हाॅस्पिटल के संजय मिश्रा और जनकपुरी स्थित श्री कृष्णा सुपर स्पेशियलिटी इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेदा की डाॅ. प्रीति छाबड़ा की देखरेख में डायबिक केयर जूस का सेवन करवाया गया। इन दोनों ने ही मरीजों की लगातार जांच भी की।

डायबिकययन में डायबिटीज से ग्रसित 30 मरीजों को शामिल किया गया, जो किसी भी प्रकार की एलोपैथिक दवा का उपयोग नहीं कर रहे थे। इनमें 18  से 70 वर्ष तक की आयु के पुरमेटाबोलिज्म को सुधारने में मदद करता है। इस अवधि में 12 सप्ताह तक नियमित रूप से कृष्णा आयुर्वेदा के डायबिक केयर जूस का सेवन कराया गया। साथ ही समय-समय पर जांच करवाई गई। प्राप्त आंकड़ों के तुलनात्मक अध्ययन में बहुत ही उत्साहवर्धक परिणाम मिले।

ये रहा डायबिक केयर जूस का प्रभाव :

  • भोजन के बाद ब्लड शुगर स्तर में 40% तक की कमी देखी गई।
  • फास्टिंग ब्लड शुगर स्तर में 20% की गिरावट आई।
  • HbA1c (तीन महीने का औसत ब्लड शुगर) में 15% की कमी दर्ज की गई।

डायबिटीज के लिए प्राकृतिक समाधान :

कंपनी प्रवक्ता के अनुसार, “डायबिक केयर जूस को शुद्ध आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से तैयार किया गया है, जो पैंक्रियाज को सक्रिय करने, इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाने और मेटाबोलिज्म को सुधारने में मदद करता है। दिअबिक केयर के रूप से सेवन करने से डायबिटीज के लक्षणों में कमी आती है और यह शरीर के संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। हमने हमेशा प्राकृतिक और आयुर्वेदिक चिकित्सा को बढ़ावा दिया है। डायबिक केयर जूस की यह क्लिनिकल स्टडी हमारे विश्वास की पुष्टि करती है कि आयुर्वेद में मधुमेह प्रबंधन के लिए प्रभावी समाधान मौजूद हैं।”