नई दिल्ली, मार्च 15: एक नए अध्ययन के अनुसार, भारत में जीवन प्रत्याशा विभिन्न सामाजिक समूहों में भिन्न होती है।
नौ भारतीय राज्यों के 2 करोड़ से अधिक व्यक्तियों के सर्वेक्षण के आंकड़ों पर आधारित शोध कार्य में जाति, धर्म और स्वदेशी पहचान देश में जीवन प्रत्याशा को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती है।
प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, उच्च जाति के हिंदुओं के सापेक्ष, आदिवासी जीवन प्रत्याशा 4 साल से कम है, दलित जीवन प्रत्याशा 3 साल से कम है, और मुस्लिम जीवन प्रत्याशा लगभग 1 साल कम है। (PNAS)।
अंतर सापेक्ष दृष्टि से बड़ा है क्योंकि भारत में समग्र जीवन प्रत्याशा कम है। आर्थिक स्थिति भी भारत में जीवन प्रत्याशा असमानताओं के पीछे एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।