भुवनेश्वर (ओडिशा), अक्टूबर 16: भारत की सबसे बड़ी एल्युमिनियम उत्पादक कंपनी, वेदांता एल्युमिनियम ने सतत आजीविका को बढ़ावा देने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए लांजीगढ़ में अपने प्रमुख जलग्रहण एवं आजीविका कार्यक्रम – ‘प्रोजेक्ट संगम’ के अंतर्गत मत्स्य पालन (पिसिकल्चर) कार्यक्रम शुरू किया है। इस पहल का उद्देश्य किसानों और स्वयं सहायता समूह (SHG) के सदस्यों को वैज्ञानिक तरीकों से मछली पालन के माध्यम से वैकल्पिक आय के अवसर प्रदान करना है।
कलााहांडी के मत्स्य एवं पशुपालन विभाग के सहयोग से लागू यह कार्यक्रम 13 गांवों में पांच एकड़ में फैले 32 जलाशयों को कवर करता है और सीधे तौर पर 44 किसानों एवं स्वयं सहायता समूह सदस्यों को लाभान्वित करेगा। उन्हें संसाधन, प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि वे मछली पालन को एक टिकाऊ आजीविका गतिविधि के रूप में अपना सकें। इस पहल से प्रतिवर्ष 20 टन मछलियों का उत्पादन होने की उम्मीद है, जो स्थानीय उपभोग और बाजार आपूर्ति दोनों में अहम योगदान देगा।
वेदांता एल्युमिना बिजनेस के सीईओ प्रणव कुमार भट्टाचार्य ने कहा, “वेदांता लांजीगढ़ में हम पर्यावरणीय और सामाजिक लक्ष्यों के अनुरूप सतत आजीविका अवसरों के जरिए समग्र सामुदायिक विकास को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ‘प्रोजेक्ट संगम’ के तहत मत्स्य पालन पहल किसानों की आय में विविधता लाने में मदद करती है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाती है, साथ ही राज्य के विकास दृष्टिकोण के अनुरूप है।”
मछली उत्पादन को बढ़ाने के अलावा, यह पहल ओडिशा के ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट’ (ODOP) कार्यक्रम को भी मजबूत करती है, जिससे कलााहांडी में मत्स्य पालन को प्रमुख आजीविका स्रोत के रूप में बढ़ावा मिलता है। मौजूदा जल निकायों के उपयोग और आधुनिक मछली पालन पद्धतियों को अपनाकर यह परियोजना किसानों को नई आय के साधन प्राप्त करने और मौसमी उतार-चढ़ाव से निपटने की क्षमता विकसित करने में सक्षम बनाती है, जिससे दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित होती है।
‘प्रोजेक्ट संगम’ एक समेकित जलग्रहण एवं आजीविका परियोजना है, जो ग्रामीण समुदायों की आजीविका को सुदृढ़ बनाने हेतु तकनीक-आधारित पहलों को बढ़ावा देती है। इस परियोजना का लक्ष्य ओडिशा के कलााहांडी जिले के लांजीगढ़ क्षेत्र के 41 गांवों में जल आधारित परिसंपत्तियां विकसित करना है, ताकि वर्षभर पेयजल और कृषि कार्यों के लिए जल की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके। इससे क्षेत्र में 3,500 एकड़ से अधिक भूमि को सिंचाई सुविधा मिलेगी और जल भंडारण क्षमता तथा भूजल पुनर्भरण दर में वृद्धि होगी, जिससे 22,000 से अधिक लोगों को पूरे वर्षभर लाभ मिलेगा। ऐसी पहलों के माध्यम से, वेदांता लांजीगढ़ स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाने, ग्रामीण उद्यमिता को प्रोत्साहित करने और ओडिशा की समावेशी विकास यात्रा में योगदान देने की अपनी प्रतिबद्धता को पुनः पुष्टि करता है।
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