सूरत: हिरों के शहर सूरत में ग़रीब परिवारों के सैंकड़ो बच्चे प्रतिष्ठित विद्यालयों में पढ़ रहे हैं| भारत सरकार द्वारा लागू किए गए आरटीई अधिनियम के सबसे बेहतर इस्तेमाल से प्रतिष्ठित विद्यालयों में आर्थिक दृष्टि से संवेदनशील पृष्ठभूमि के बच्चों की 36 वर्षीय हितेश विश्वकर्मा जी ने सहायता करने के कारण यह सम्भव हुआ है|
विगत चार वर्षों में हितेश विश्वकर्मा ने सेवन्थ डे एहेंटीस्ट, मातृभूमि, रोझबर्ड, आरएन नाईक, जिनियस हाय स्कूल आदि प्रतिष्ठित विद्यालयों में आरटीई अधिनियम के प्रभावी इस्तेमाल के द्वारा 700 से अधिक बच्चों को प्रवेश दिलवाया है|
एल्युमिनिअम क्षेत्र में उत्पादक और सप्लाई करनेवाले हितेश विश्वकर्मा ने कहा, “फीस भरे बिना प्रतिष्ठित विद्यालयों में ग़रीब पृष्ठभूमि के बच्चों को प्रवेश पाया हुआ देख कर मुझे खुशी होती है| विगत चार वर्षों में आरटीई अधिनियम के तहत 700 से अधिक बच्चों ने विभिन्न प्रतिष्ठित विद्यालयों में प्रवेश लिया है|”
हितेश विश्वकर्मा के अनुसार, वे 16 मई 2017 को अयोध्या में राम मन्दिर के निर्माण के लिए दिल्ली के जंतर मंतर में पाँच दिन के अनशन पर बैठे थे| वे अयोध्या गए और उन्होने मन्दिर के ढाँचे का शुभारंभ किया था और 2018-19 में उन्होने सूरत और अयोध्या में तीन बार राम कथा का आयोजन किया था|
हितेश विश्वकर्मा ने कहा, “अधिकांश लोगों को अब विभिन्न केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी है| शहर में एमएए कार्ड, राशन कार्ड प्राप्त करने के लिए और अन्य कई सरकारी योजनाओं के लाभ प्राप्त करने के लिए मैने सैंकडो लोगों को सहायता की है|” 2019 में हितेश विश्वकर्मा ने श्री बजरंग सेना इस हिन्दु संगठन की स्थापना की है| विगत दो वर्षों में लगभग 20,000 सदस्यों ने इस सेना में प्रवेश किया है और वे देश में हिन्दुत्व के प्रसार के लिए कार्यरत है|