आज Bronze, कल Gold, इंदौर की आर्या ने किया भारत का नाम MMA में रोशन।

आर्या ने भारत को वैश्विक एमएमए मानचित्र पर स्थापित किया

इंदौर (मध्य प्रदेश) [भारत], 3 अक्टूबर:  27 सितंबर से 2 अक्टूबर तक, जॉर्जिया के त्बिलिसी शहर में जूनियर और सीनियर IMMAF वर्ल्ड चैंपियनशिप का आयोजन हुआ, जिसमें इंदौर के अरुण चंद्रवंशी, सुरभि सांखला और आर्या चौधरी ने गर्व के साथ भारत का प्रतिनिधित्व किया। यह प्रतियोगिता मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स के सबसे प्रतिष्ठित मंचों में से एक थी।

यह चैम्पियनशिप दुनिया के बेहतरीन फाइटर्स को एक साथ लाती है, और इसमें सिर्फ तकनीकी कौशल ही नहीं बल्कि धैर्य, अनुशासन और साहस की भी परीक्षा होती है। इंदौर के प्रत्येक खिलाड़ी ने इस मंच पर खुद को साबित करने के लिए पूरी मेहनत और समर्पण के साथ प्रवेश किया।

अरुण चंद्रवंशी ने अपनी शुरुआत यूक्रेन के एक मजबूत प्रतिद्वंदी के खिलाफ की। उनके प्रयास और साहस के बावजूद, वह आगे नहीं बढ़ पाए। लेकिन IMMAF वर्ल्ड्स में उनकी भागीदारी ही एक मील का पत्थर है, जो उनके विकास और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुकाबला करने की क्षमता को दर्शाती है। एक युवा खिलाड़ी के लिए यह अनुभव आने वाले वर्षों में बड़ी सफलता का आधार बनता है।

सुरभि सांखला, जो भारतीय MMA में पहले से ही सम्मानित नाम हैं और पूर्व पदक विजेता भी रह चुकी हैं, सीधे टॉप 8 में प्रवेश की। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका की एक सक्षम खिलाड़ी के खिलाफ उच्च दबाव वाली मुकाबला लड़ी। परिणाम उनके पक्ष में नहीं गया, लेकिन सुरभि का आत्मविश्वास, अनुभव और प्रतिबद्धता इस बात को फिर से साबित करता है कि वह भारत की सबसे भरोसेमंद और स्थिर खिलाड़ियों में से एक हैं। उनका सफर उन कई युवा लड़कियों के लिए प्रेरणा है, जो कॉम्बैट स्पोर्ट्स में अपना भविष्य देखती हैं।

इंदौर

चैम्पियनशिप का सबसे बड़ा आकर्षण रहा आर्या चौधरी, जो केवल 19 वर्ष की हैं और इंदौर तथा भारत की उम्मीदों को 47.6 किलोग्राम श्रेणी में लेकर आईं। सेमीफाइनल में उन्होंने पोलैंड की वर्तमान वर्ल्ड चैंपियन जूलिया ग्लाज के खिलाफ मुकाबला किया। रोमांचक और मेहनती लड़ाई के बावजूद, आर्या को फाइनल में स्थान नहीं मिला। लेकिन उनके प्रदर्शन ने उन्हें ब्रॉन्ज मेडल दिलाया, और वह इस प्रतियोगिता में भारत की एकमात्र पदक विजेता बनीं। इस उपलब्धि ने न केवल इंदौर को गौरवान्वित किया बल्कि भारत को वैश्विक MMA मानचित्र पर भी मजबूती से स्थापित किया।

भारतीय MMA टीम के चीफ कोच और विक्रम अवार्डी विकाश शर्मा ने अपने खिलाड़ियों की प्रशंसा करते हुए कहा,

“मेरे फाइटर्स ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन पदक कुछ ऐसा है जो हम भविष्य में हासिल करेंगे। यह अनुभव उन्हें आने वाले बड़े विजयों के लिए तैयार करता है।”

आर्या के लिए, ब्रॉन्ज केवल यात्रा की शुरुआत है,

“ब्रॉन्ज मेरे लिए पर्याप्त नहीं है। मुझे पता है कि मैं और आगे जा सकती हूं, और मैं कड़ी मेहनत करूंगी ताकि अपने देश के लिए गोल्ड लेकर आ सकूं।”

इस यात्रा में शिवांसिका एस्टेट्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक, श्री यशपाल परमान ने भी खिलाड़ियों को सशक्त संदेश भेजकर उनका हौसला बढ़ाया। उनके शब्दों ने यह स्पष्ट किया कि पदक महत्वपूर्ण हैं, लेकिन असली सफलता साहस, इरादे और मेहनत में निहित है। उनके विश्वास और समर्थन ने खिलाड़ियों को मानसिक ताकत दी और यह याद दिलाया कि हर मुकाबला, चाहे जीत हो या हार, महानता की दिशा में एक कदम है।

जैसे ही प्रतियोगिता समाप्त हुई, इंदौर के फाइटर्स की कहानी केवल परिणामों की नहीं, बल्कि धैर्य, विकास और प्रेरणा की थी। अरुण और सुरभि ने यह दिखाया कि हार केवल एक कदम है, जबकि आर्या का ब्रॉन्ज मेडल साबित करता है कि भारत विश्व स्तर पर चमक सकता है। साथ में, इन्होंने अपने शहर और देश की भावना को आगे बढ़ाया, यह दिखाते हुए कि सही मार्गदर्शन और समर्थन मिलने पर, वैश्विक सफलता की राह कभी दूर नहीं होती।

यह केवल शुरुआत है  इंदौर के इन युवा फाइटर्स के लिए आने वाले समय में और भी बड़ी जीतें और उज्जवल पल इंतजार कर रहे हैं।